स्वo श्रीमती सुशीला बलूनी (ताई) जी कें 84 वीं जयन्ती पर ” मातृ शक्ति ” सम्मान व उनका चिर स्मरण पर कार्यक्रम आयोजित किया गया।

आशा कोठारी

देहरादून:

 

“उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच” द्वारा रविवार को देहरादून निगम प्रेक्षाग्रह मेँ पृथक उत्तराखण्ड आंदोलन मेँ अग्रणीय भूमिका निभाने वाली स्वo श्रीमती सुशीला बलूनी (ताई) जी कें 84 वीं जयन्ती पर ” मातृ शक्ति ” सम्मान व उनका चिर स्मरण पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। सभी वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारियों व कई गणमान्य द्वारा उनकी जयन्ती पर उनके चित्र के सम्मुख पुष्प अर्पित कर अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित भी की गई। उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी मंच व परिजनों कें सहयोग से समाज मेँ विभिन्न क्षेत्र मेँ कार्य करने वाली और प्रत्येक समाज से पांच महिलाओं को ” मातृशक्ति सम्मान ” से सम्मानित किया गया। शक्ति सम्मान कार्यक्रम मेँ पूर्व मुख्यमंत्री कें विशेषाधिकारी व वरिष्ठ कांग्रेस नेता आर्येन्द्र शर्मा , देहरादून नगर कें मेयर और मुख्यमंत्री कें प्रतिनधि मीडिया समन्वयक हरीश कोठारी, पिछड़ा वर्ग आयोग कें पूर्व अध्यक्ष अशोक वर्मा, वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी व पूर्व राज्य मंत्री विवेकानंद खंडूड़ी , पूर्व मंत्री डा हरक सिंह रावत व सम्मान परिषद कें पूर्व अध्यक्ष रवीन्द्र जुगरान, जनकवि अतुल शर्मा द्वारा समाज में उल्लेखनीय कार्य करने वाली पांच महिलाओं को शाल ओढ़ाकर एक प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया। मंच कें प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी व जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती द्वारा संचालन किया गया एवं अंत मेँ रवीन्द्र जुगरान द्वारा अध्यक्षीय भाषण देकरकार्यक्रम मेँ आयें सभी लोगो का आभार व्यक्त किया। आर्येन्द्र शर्मा ने कहा कि स्वर्गीय सुशीला बलूनी ताई हमेशा ही राज्य हितों और आंदोलनकारियों कें लियॆ सरकार व शासन मेँ लड़ती थी। उन्होंने उनके नाम से कोई योजना अथवा सम्मान प्रारम्भ करने की मांग की है। मुख्यमंत्री जी की ओर उनके प्रतिनिधि हरीश कोठारी ने मुख्यमंत्री जी का संदेश पढ़कर सुनाया और स्वर्गीय श्रीमती सुशीला बलूनी जी कें परिजनों को सौंपा। अशोक वर्मा द्वारा 1994 कें दौर मे नगर पालिका मेँ बीते घटनाक्रम का जिक्र कर याद किया।
मेयर सुनील उनियाल गामा ने स्व. बलूनी जी को याद करते हुये उनकी यादों मे शहीद स्मारक जाने वाले मार्ग अथवा नेशविला रोड़ मे से एक मार्ग का नाम उनके नाम पर रखे जाने के अलावा उनकी प्रतिमा स्थापित करने के साथ ही राज्य आंदोलनकारियों कें हाउस टेक्स फ्री करने हेतु घोषणा भी की।
आयोजन मे जनकवि अतुल शर्मा ने कविता पढ़ी, वही जनगीत गाकर सबको ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। उनके साथ आंदोलन मे रही रामेश्वरी बड़थ्वाल, पुष्पलता सिलमाणा, मुन्नी खंडूड़ी, सत्या पोखरियाल, शोभा बहुगुणा, गुरदीप कौर, कुसुमलता शर्मा, सरिता गौड़ प्रथम पंक्ति रही और समय समय पर भावुक हो रही थी। सांस्कृतिक मोर्चा की अध्यक्ष सुलोचना भट्ट ने उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का कार्य करना होगा जिससे नई पीढ़ी कुछ सीखेगी।
सम्मान मिलने वालों मेँ 01- रीना सेमवाल (सड़क की गाय/बछड़े व कुत्तों की देखभाल व भोजन) 02- मोना कौल (मूक बधिरों पर कार्य) 03- मधु जैन (गरीब और शोषित बच्चों) , 04- सुनीता प्रकाश (कमजोर वर्ग व बालिकाओ कें क्षेत्र) , 05- रंजना शर्मा (लेखिका व कवयित्री)। सुशीला बलूनी के साथ प्रथम दिन भूख हड़ताल पर बेठने वाले रामपाल को मेयर व रवीन्द्र जुगरान द्वारा शॉल ओढ़कर सम्मानित किया।
वरिष्ठ नागरिक संगठन उप्र उत्तराखण्ड कें संस्थापक अध्यक्ष के एल अरोड़ा व उत्तराखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष अतुल जोशी ने उनके योगदान व संघर्ष व विन्रमता को याद किया। कार्यक्रम मेँ मुख्यतः आर्येन्द्र शर्मा , मेयर सुनील उनियाल गामा , अशोक वर्मा , विवेकानंद खंडूड़ी , मुख्यमंत्री कें प्रतिनिधि हरीश कोठारी, रविन्द्र जुगरान , शशी बहुगुणा , डा अतुल शर्मा , गन्ना समिति कें अध्यक्ष मनोज नौटियाल , ओमी उनियाल , विनोद नौटियाल , जगमोहन मेहंदीरत्ता , जगमोहन सिंह नेगी , केशव उनियाल , रामलाल खंडूड़ी , प्रदीप कुकरेती , जयदीप सकलानी , उनके पुत्र विनय बलूनी , संजय बलूनी , विजय बलूनी , सुरेन्द्र सजवाण , बीर सिंह रावत , विनोद असवाल , सुमन भण्डारी , सुरेश नेगी , पुष्कर बहुगुणा , मोहन खत्री , राजीव तलवार , चन्द्र किरण राणा , राजकुमार कक्कड़ , सतेन्द्र नौगांई , गौरव खंडूड़ी , रवीन्द्र सोलंकी , सतेन्द्र भण्डारी , जगदीश चौहान , गणेश शाह , कुलदीप कुमार , देव नौटियाल , सुमित थापा , जितेन्द्र चौहान , मोहन रावत , गणेश डंगवाल , राधा तिवारी , अरुणा थपलियाल , पार्वती डोभाल , सर्वेश्वरी डोबरियाल , पुष्पा सकलानी , राजेश्वरी रावत , शकुन्तला खनतवाल, लक्ष्मी बिष्ट , लक्ष्मी सकलानी, मोहम्मद शाहिद , प्रभात डण्डरियाल , मधु बलूनी , महेन्द्र चमोली , सुशील कुमार , हरी सिंह मेहर , अंबुज शर्मा , अनिल सेमवाल आदि मौजूद थे।